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हनुमान जयंती

Hanuman Jayanti
2026-04-02T12:00:00

हनुमान जयंती भगवान हनुमान के जन्म दिवस के रूप में पूरे भारत में अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह पर्व चैत्र मास की पूर्णिमा को आता है, जो मार्च या अप्रैल में पड़ता है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी का जन्म माता अंजनी और पिता केसरी के घर हुआ। वे वायुदेव के वरदान से उत्पन्न हुए थे, इसलिए उन्हें पवनपुत्र कहा जाता है। हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त और सेवक थे।

हनुमान जी को संकटमोचन, बजरंगबली, महावीर, मारुति और अंजनीपुत्र जैसे नामों से जाना जाता है। वे शक्ति, साहस, भक्ति और निःस्वार्थ सेवा के प्रतीक हैं।

इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करते हैं। कई स्थानों पर शोभायात्राएं और भंडारे आयोजित किए जाते हैं।

हनुमान जयंती की प्रमुख विशेषताएं

  • भगवान हनुमान का जन्मोत्सव
  • चैत्र पूर्णिमा का पावन पर्व
  • हनुमान चालीसा एवं सुंदरकांड पाठ
  • मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना
  • भव्य शोभायात्राएं
  • भंडारे एवं प्रसाद वितरण
  • व्रत एवं उपासना का महत्व
  • अखंड रामायण पाठ

भगवान हनुमान के प्रमुख नाम

  • पवनपुत्र – वायुदेव के पुत्र
  • बजरंगबली – वज्र समान शरीर वाले
  • संकटमोचन – संकट दूर करने वाले
  • महावीर – महान वीर
  • मारुति – मरुत (वायु) के पुत्र
  • अंजनीसुत – माता अंजनी के पुत्र
  • केसरीनंदन – पिता केसरी के पुत्र
  • रामदूत – भगवान राम के दूत
  • लंकाविध्वंसक – लंका का दहन करने वाले
  • चिरंजीवी – अमर

परिवार परिचय

  • पिता: केसरी
  • माता: अंजनी
  • आध्यात्मिक पिता: वायुदेव
  • गुरु: सूर्यदेव
  • स्वामी: भगवान श्री राम

त्योहार का महत्व

धार्मिक महत्व

इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करने से शक्ति, साहस और आत्मविश्वास प्राप्त होता है। हनुमान जी को कलियुग के जाग्रत देवता माना जाता है।

आध्यात्मिक महत्व

हनुमान जी निःस्वार्थ भक्ति और सेवा के सर्वोच्च उदाहरण हैं। उनकी भक्ति हमें ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण सिखाती है।

सामाजिक महत्व

यह पर्व समाज में साहस, सेवा और धर्म के प्रति आस्था को मजबूत करता है। हनुमान जी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

पौराणिक कथाएं

जन्म कथा

माता अंजनी की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर वायुदेव ने उन्हें वरदान दिया। भगवान शिव ने अपने रुद्र अवतार के रूप में हनुमान जी का जन्म लिया।

सूर्य को निगलने की कथा

बाल हनुमान ने सूर्य को फल समझकर निगलने का प्रयास किया। यह कथा उनकी असीम शक्ति और वीरता को दर्शाती है।

पूजा विधि

प्रातःकाल विधि

  1. ब्रह्म मुहूर्त में जागें
  2. स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें
  3. पूजा स्थल को शुद्ध करें
  4. हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें

पूजन सामग्री

  • सिंदूर
  • चमेली का तेल
  • लाल पुष्प
  • लड्डू
  • धूप-दीप
  • लाल वस्त्र

प्रमुख मंत्र

मूल मंत्र: ॐ हं हनुमते नमः

बीज मंत्र: ॐ ऐं भ्रीम हनुमते श्री राम दूताय नमः

शुभकामना संदेश

राम जी के चरणों में जिनका वास है,
संकट मोचन वही हनुमान है।
उनकी कृपा से आपका हर दिन शुभ हो।

हनुमान जयंती की शुभकामनाएं!
जय श्री राम 🙏