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होलिका दहन

Holika Dahan
2026-03-03T12:00:00

होलिका दहन भारतीय संस्कृति का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह पर्व हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार फरवरी या मार्च माह में आता है। होलिका दहन के अगले दिन रंगों का त्योहार होली (धुलंडी) मनाई जाती है।

इस पर्व की उत्पत्ति पौराणिक कथाओं से जुड़ी है। भक्त प्रह्लाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे, जबकि उनके पिता हिरण्यकशिपु एक अत्याचारी असुर राजा थे जो स्वयं को भगवान मानते थे। प्रह्लाद की भक्ति से क्रोधित होकर हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका से प्रह्लाद को अग्नि में जलाने का षड्यंत्र रचा। होलिका को वरदान था कि अग्नि उसे जला नहीं सकती। वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई, परंतु भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जल गई।

इसी घटना की स्मृति में हर वर्ष होलिका दहन किया जाता है। इस दिन लोग अपने मोहल्लों और गांवों में लकड़ी, उपले और घास-फूस का ढेर इकट्ठा करके होलिका तैयार करते हैं। शुभ मुहूर्त में इसे अग्नि दी जाती है। लोग होलिका की परिक्रमा करते हैं और अग्नि में नई फसल के दाने, नारियल आदि अर्पित करते हैं।

यह पर्व हमें संदेश देता है कि सत्य की हमेशा जीत होती है, चाहे परिस्थितियां कितनी भी विपरीत क्यों न हों। ईश्वर अपने भक्तों की सदैव रक्षा करते हैं। होलिका दहन के साथ ही शीत ऋतु की विदाई और बसंत ऋतु का स्वागत भी किया जाता है।

🎯 मुख्य आकर्षण | Event Highlights

  • होलिका का प्रतीकात्मक दहन
  • बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव
  • होलिका की परिक्रमा
  • नई फसल के दाने अग्नि में अर्पित करना
  • पूजा-अर्चना और मंत्र जाप
  • लोक गीत और संगीत
  • शीत ऋतु की विदाई
  • अगले दिन होली खेलने की तैयारी

📖 पौराणिक कथा | Mythological Story

🔱 प्रह्लाद और होलिका की कथा

प्राचीन काल में हिरण्यकशिपु नाम का एक अत्यंत शक्तिशाली असुर राजा था। उसने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या करके यह वरदान प्राप्त किया था कि उसे न कोई मनुष्य मार सकता है, न कोई पशु, न दिन में मर सकता है न रात में, न घर के अंदर न बाहर, न किसी अस्त्र से न शस्त्र से। इस वरदान को पाकर वह अहंकारी हो गया और स्वयं को भगवान मानने लगा।

हिरण्यकशिपु का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। पिता के लाख मना करने पर भी वह विष्णु भक्ति नहीं छोड़ता था। इससे क्रोधित होकर हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को मारने के कई प्रयास किए - पहाड़ से गिराया, हाथियों से कुचलवाया, विष पिलाया - परंतु हर बार भगवान विष्णु ने अपने भक्त की रक्षा की।

🔥 होलिका का दहन

अंत में हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका को एक विशेष वस्त्र का वरदान प्राप्त था जिसे पहनकर वह अग्नि में भी नहीं जल सकती थी। होलिका प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई।

परंतु भगवान विष्णु की कृपा से एक तेज हवा चली और वह वस्त्र उड़कर प्रह्लाद के ऊपर आ गया। होलिका अग्नि में जलकर भस्म हो गई और प्रह्लाद सुरक्षित बाहर निकल आए। इस प्रकार बुराई पर अच्छाई की जीत हुई।

इसके बाद भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार (आधे मनुष्य, आधे सिंह) लेकर संध्या के समय, घर की देहरी पर हिरण्यकशिपु को अपने नाखूनों से मारा और संसार को उसके अत्याचार से मुक्त किया।

🌺 कामदेव दहन की कथा

एक अन्य कथा के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने अपने तीसरे नेत्र से कामदेव को भस्म किया था। देवताओं के अनुरोध पर शिव ने बाद में कामदेव को पुनर्जीवित किया। इसीलिए इस पर्व को कुछ स्थानों पर काम दहन भी कहा जाता है।

🙏 होलिका दहन पूजा विधि | Holika Dahan Puja Vidhi

होलिका स्थापना

होलिका दहन से कई दिन पहले सार्वजनिक स्थान पर लकड़ी, उपले, घास-फूस इकट्ठा करके होलिका का ढांचा तैयार किया जाता है। बीच में एक डंडा (प्रह्लाद का प्रतीक) लगाया जाता है।

स्नान और शुद्धि

होलिका दहन से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा सामग्री तैयार रखें।

पूजा स्थल पर जाना

शुभ मुहूर्त में परिवार सहित होलिका के पास जाएं। पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।

गणेश पूजन

सर्वप्रथम भगवान गणेश का स्मरण करें। रोली, अक्षत और फूल अर्पित करें।

होलिका पूजन

होलिका पर जल छिड़कें। रोली, अक्षत, फूल, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, नई फसल के दाने अर्पित करें। कच्चे सूत के धागे से होलिका की परिक्रमा करते हुए लपेटें।

मंत्र जाप

होलिका दहन मंत्र और नृसिंह मंत्र का जाप करें। प्रह्लाद की भक्ति का स्मरण करें।

होलिका दहन

शुभ मुहूर्त में होलिका में अग्नि प्रज्वलित करें। परिक्रमा करें (3, 5 या 7 बार)। अग्नि में नई फसल के दाने और नारियल अर्पित करें।

प्रार्थना

होलिका की अग्नि से प्रार्थना करें कि जीवन से सभी बुराइयां, नकारात्मकता और दुख दूर हों। सुख-समृद्धि की कामना करें।

🪔 पूजन सामग्री | Puja Samagri

🔴 रोली / कुमकुम

🍚 अक्षत (चावल)

🌺 पुष्प (फूल)

🧵 कच्चा सूत

💧 जल कलश

🥥 साबुत नारियल

🌾 नई फसल के दाने

🫘 साबुत मूंग

🟡 साबुत हल्दी

🍬 गुड़ और बताशे

🎨 गुलाल

💰 सिक्के

🧈 घी

🪵 उपले (गोबर के कंडे)

🥜 मूंगफली

🌽 भुने चने

📿 मंत्र | Mantras

अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः।
अतस्त्वां पूजयिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव॥

होलिका पूजन मंत्र - होलिका से समृद्धि और सुख की कामना

ॐ नमो भगवते नृसिंहाय

नृसिंह मंत्र - भगवान नृसिंह को नमन

असृक्पालीगीतां होलिका परिकीर्तिता।
होला का रोप्यते इति तद्भोजनं होलकं स्मृतम्॥

होली पर्व के लिए प्राचीन मंत्र

ॐ प्रह्लादाय नमः

भक्त प्रह्लाद को प्रणाम

🔥 परंपराएं और रीति-रिवाज | Rituals & Traditions

  • 🔄

    होलिका की परिक्रमा

    जलती हुई होलिका की 3, 5 या 7 बार परिक्रमा करना शुभ माना जाता है। इससे सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।

  • 🌾

    नई फसल का अर्पण

    होलिका की अग्नि में नई फसल के दाने जैसे गेहूं, जौ, चना आदि अर्पित किए जाते हैं। इसे 'होला' कहते हैं।

  • 🧵

    कच्चे सूत से बांधना

    होलिका दहन से पहले कच्चे सूत से होलिका को बांधा जाता है। परिक्रमा करते हुए इसे लपेटा जाता है।

  • 🔥

    होलिका की राख लगाना

    अगले दिन ठंडी हुई होलिका की राख को माथे पर तिलक के रूप में लगाया जाता है। इसे बहुत शुभ माना जाता है।

  • 🏠

    घर में अग्नि लाना

    कई परिवार होलिका की अग्नि का एक अंश घर लाते हैं और उससे चूल्हा जलाते हैं।

  • 🎵

    होली के गीत

    होलिका दहन के समय लोक गीत गाए जाते हैं। ढोल-नगाड़े बजाए जाते हैं।

🌟 महत्व | Significance

🙏 धार्मिक महत्व

होलिका दहन भक्त प्रह्लाद की विजय और असुर होलिका के अंत का प्रतीक है। यह भगवान विष्णु की भक्ति शक्ति का उत्सव है। इस दिन पूजा करने से पाप नष्ट होते हैं और भक्ति में वृद्धि होती है।

⚖️ नैतिक महत्व

यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत, अधर्म पर धर्म की विजय और अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने वालों की सदैव रक्षा होती है।

🌱 प्राकृतिक महत्व

होलिका दहन शीत ऋतु की विदाई और बसंत ऋतु के स्वागत का प्रतीक है। इस समय प्रकृति में नवीन ऊर्जा का संचार होता है। नई फसल पकने का समय होता है।

🏥 स्वास्थ्य महत्व

होलिका की अग्नि से निकलने वाली गर्मी वातावरण में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट करती है। होलिका की परिक्रमा से शरीर को गर्मी मिलती है जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

✨ मान्यताएं | Beliefs

🔥

नकारात्मकता का अंत

होलिका दहन में जीवन की सभी नकारात्मकता, बुराई और दुख जल जाते हैं।

🛡️

रक्षा कवच

होलिका की राख माथे पर लगाने से बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।

🌾

समृद्धि की प्राप्ति

अग्नि में नई फसल अर्पित करने से वर्ष भर अन्न-धन की प्राप्ति होती है।

💪

रोग मुक्ति

होलिका की परिक्रमा करने से शारीरिक रोग दूर होते हैं और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

🙏

मनोकामना पूर्ति

सच्चे मन से होलिका पूजा करने पर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

🌟

पितृ तर्पण

कुछ मान्यताओं के अनुसार इस दिन पितरों का भी स्मरण किया जाता है।

📍 राज्यों में होलिका दहन | Regional Celebrations

🏛️ उत्तर प्रदेश

मथुरा-वृंदावन: लट्ठमार होली प्रसिद्ध। बरसाना में एक सप्ताह पहले से उत्सव। होलिका दहन के साथ फाग गीत गाए जाते हैं। राधा-कृष्ण की लीलाओं का वर्णन।

🏰 राजस्थान

उदयपुर: शाही होलिका दहन। महाराणा द्वारा होलिका पर तीर चलाकर दहन। जयपुर: हाथी महोत्सव। पारंपरिक लोक नृत्य और संगीत।

🌾 बिहार और झारखंड

फगुआ: के नाम से प्रसिद्ध। लोक गीत और नृत्य। गांवों में सामूहिक होलिका दहन। अगले दिन रंगों का उत्सव।

🏯 गुजरात

होलिका दहन के बाद मटकी फोड़ उत्सव। ऊंचाई पर बंधी मटकी फोड़ने की परंपरा। द्वारका: में विशेष उत्सव।

🌴 महाराष्ट्र

होली पौर्णिमा: शिमगा उत्सव। पांच दिनों का त्योहार। होलिका दहन को 'काम दहन' भी कहते हैं। पूरन पोली विशेष मिठाई।

🏔️ हिमाचल प्रदेश

पहाड़ी इलाकों में देवदार की लकड़ी से होलिका। मंदिरों में विशेष पूजा। लोक नृत्य नाटी का आयोजन।

📅 दिन का कार्यक्रम | Day Schedule

सुबह

घर की साफ-सफाई। होलिका के लिए लकड़ी और उपले इकट्ठा करना। पूजा सामग्री की तैयारी।

दोपहर

होलिका स्थल का निर्माण और सजावट। सार्वजनिक स्थान पर होलिका तैयार करना।

शाम (सूर्यास्त से पहले)

स्नान करना। नए या स्वच्छ वस्त्र पहनना। पूजा सामग्री लेकर तैयार रहना।

शुभ मुहूर्त (रात्रि)

होलिका पूजन। मंत्र जाप। अग्नि प्रज्वलन। परिक्रमा। नई फसल और नारियल अर्पण।

होलिका दहन के बाद

प्रसाद वितरण। लोक गीत और नृत्य। अगले दिन होली की तैयारी।

अगली सुबह

होलिका की ठंडी राख से तिलक। रंगवाली होली (धुलंडी) का आनंद।

💝 शुभकामना संदेश | Festival Wishes

होलिका की लपटों में जलें नफरत और बैर,
प्यार और भाईचारे से भरा रहे जीवन का सफर।
भगवान विष्णु की कृपा सदा बनी रहे,
होलिका दहन की शुभकामनाएं! 🔥✨