मकर संक्रांति हिंदू धर्म के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह भारत का एकमात्र ऐसा पर्व है जो सौर कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है, इसलिए इसकी तिथि लगभग निश्चित रहती है – 14 या 15 जनवरी।
इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, जिसे संक्रांति कहते हैं। इसी दिन से सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर गति करने लगता है। शास्त्रों में उत्तरायण काल को देवताओं का दिन माना गया है।
मकर संक्रांति को भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। पंजाब में लोहड़ी, तमिलनाडु में पोंगल, असम में माघ बिहू और गुजरात में उत्तरायण के नाम से यह पर्व मनाया जाता है।
इस पर्व पर तिल और गुड़ से बने पकवान खाने की परंपरा है। पतंगबाजी इस त्योहार की विशेष पहचान है। लोग पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करते हैं।
महोत्सव की मुख्य विशेषताएं
- सूर्य का मकर राशि में प्रवेश
- पतंगबाजी का महोत्सव
- तिल-गुड़ के विशेष पकवान
- पवित्र नदियों में स्नान
- दान-पुण्य का विशेष महत्व
- गंगासागर मेला
- फसल कटाई का उत्सव
त्योहार का महत्व
धार्मिक महत्व:
मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। भीष्म पितामह ने भी उत्तरायण काल में अपने प्राण त्यागे थे।
वैज्ञानिक महत्व:
इस दिन से सूर्य उत्तरी गोलार्ध की ओर बढ़ने लगता है, जिससे दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं। ठंड का प्रभाव कम होने लगता है।
सांस्कृतिक महत्व:
यह पर्व भारतीय संस्कृति में एकता और सद्भावना का प्रतीक है। विभिन्न राज्यों की परंपराएं भारत की विविधता में एकता को दर्शाती हैं।
पारंपरिक व्यंजन
- तिल के लड्डू
- गजक
- रेवड़ी
- तिल की चिक्की
- खिचड़ी
- दही-चूड़ा (बिहार)
- तिल-गुड़ (महाराष्ट्र)
- उंधियू-जलेबी (गुजरात)
- पोंगल (तमिलनाडु)
- पीठा (असम)
क्षेत्रीय उत्सव
- गुजरात और राजस्थान: उत्तरायण के नाम से मनाया जाता है। पतंगबाजी का भव्य आयोजन होता है।
- पंजाब और हरियाणा: लोहड़ी के रूप में एक दिन पहले मनाया जाता है। अलाव जलाकर नृत्य किया जाता है।
- उत्तर प्रदेश और बिहार: खिचड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है। प्रयागराज में संगम स्नान का विशेष महत्व है।
- पश्चिम बंगाल: गंगासागर में विशाल मेला लगता है।
- तमिलनाडु: पोंगल के रूप में चार दिवसीय उत्सव मनाया जाता है।
- असम: माघ बिहू या भोगाली बिहू के नाम से मनाया जाता है।
शुभकामना संदेश
सूर्य देव की कृपा आप पर सदा बनी रहे,
उत्तरायण का यह पर्व आपके जीवन में
नई ऊर्जा और उमंग लेकर आए।
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!